गुरुवार, 5 मई 2022

लक्ष्य प्राप्ति के लिये कठोर अनुशासन और नियमित अभ्यास अनिवार्य अन्यथा नहीं चलेगा ब्लॉग

जय सियाराम

जय जय सियाराम


 लक्ष्य प्राप्ति के लिये कठोर अनुशासन और नियमित आचरण अनिवार्य घटक है । 20 नवंबर 2015 के बाद आज 06 मई दो हजार 22 के बीच लगभग साढ़े छह वर्षों में इस ब्लाग के लिये कोई योगदान नहीं देना साबित करता है कि मेरी आवश्यकतायें क्या हैं और प्राथमिकतायें क्या हैं । ऐसा नहीं कि इस दौरान श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के लिए कोई योगदान मैंने नहीं दिया है । न्यास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्यों का सम्पादन मेरे सहयोग से हुआ है ।

इनमें सबसे हाल का वर्ष द December 2021 में न्यास के लिए अयोध्याजी में अंतराष्ट्रीय स्तर का श्री राम संग्रहालय निर्माण हेतु ट्रस्ट का न्यासी होने की हैसियत से ज़मीन की रजिस्ट्री करवाई है । इसके अलावा न्यास के लिये 2018 से 2021 के बीच आस्था टीवी चैनल पर प्रसारण के लिये लगभग 90 एपिसोड का धारावाहिक निर्माण किया है ।

न्यास की अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय योगदान रहा है । 

लेकिन इस ब्लॉग को आगे बढ़ाने के लिये कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई । इसका मुख्य कारण आलस्य कह सकता हूँ । साथ ही गौण कारण न्यास की अपनी वेबसाइट  www.shriramvanyatra.com and www.shriramvanyatra.org का संचालन भी कहा जा सकता है । 

जब न्यास की अपनी वेबसाइट सक्रिय रहे तो ऐसे में इस ब्लॉग की उपेक्षा हुई है । लेकिन प्रयास करूंगा कि नियमित अपडेट करता रहूं । श्री राम सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देता रहूंगा । महीने दो महीने में एक अपडेट आए यह प्रयास रहेगा ।

इति शुभम ।

जय सियाराम


 


शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

अक्षय नवमी के अवसर पर त्रेता युग में अवतरित श्री राम के जीवन संदेश पर आधारित एक नए ब्लॉग का लोकार्पण

जय सिया राम

आज वर्ष 2015 की 20 नवंबर तिथि यानि कार्तिक शुक्ल नवमी यानि अक्षय नवमी है।

 आज हम पारिजात संचेतना मंडल ट्रस्ट की ओर से श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास दिल्ली के सहयोगार्थ एक नए ब्लॉग का लोकार्पण कर रहे हैं।

इस ब्लाग का उद्देश्य श्री राम के जीवन संदेश को जन जन तक पहुंचाना है।

इसके माध्यम से हम त्रेता युग में अवतरित श्री राम के जीवन पर आधारित  गाथा,  रचनाओं, रचनाकारों, रामकथा गायकों , तीर्थ स्थलों,  मंदिरों , न्यासों , संगठनों के बारे में हम जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे ।

यह हमारा लक्ष्य है कि सभी रामभक्त परस्पर एक दूसरे से जुड़ सकें तथा एक दूसरे के अनुभव और सहयोग से अपने जीवन में अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष प्राप्त कर सकें।

श्री राम हम पर कृपालु हों । बजरंगबली हमें भक्ति दें। उमापति महादेव हमारे सहाय हों। प्रतिपल सद्गुरु  हम पर आशीर्वाद की वर्षा करें।

जय सिया राम.